मुंबई- महाराष्ट्र स्वास्थ्य विभाग ने महात्मा ज्योतिबा फुले योजना में शामिल करने को लेकर प्रस्ताव तैयार कर राज्य सरकार को भेज दिया है।
सरोगेसी/ IVF से माता पिता बनने के सफर में सरकार करेगी आपकी आर्थिक सहायता
भारत मे लगभग छह कपल्स में से एक कपल को निःसंतानता की दिक्कत से गुजरना पड़ता है। आखिरकार इस का हल आईवीएफ है, या तो सरोगेसी। इस ट्रीटमेंट से परेशान जोड़ों को राहत दी है, लेकिन इसका खर्च आम जनता के लिए अपने बजेट से बाहर है। इसलिए आज भी कई लोगों की संतान प्राप्ति की चाहत अधूरी रह जाती है। इसे ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग द्वारा महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में सरोगेसी उपचार को शामिल करने का प्रयास किया जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग ने इस संबंध में राज्य सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
सरोगेसी एक बेहतरीन विकल्प
सरोगेसी एक बेहतरीन विकल्प तब बन जाता है, जब किसी कारणवश कोई महिला गर्भवती नहीं हो पाती है। ऐसे में कोई सरोगेसी भी करवाता है। तो उसे आमतौर पर 20 से 25 लाख रुपये का खर्च आता है। यह लागत आम लोगों की पहुंच से बाहर है। हालाँकि, सरोगेसी उपचार को आम लोगों के लिए सुलभ बनाने के लिए, राज्य स्वास्थ्य विभाग ने इसे महात्मा ज्योतिबा फुले जन आरोग्य योजना में शामिल करने के लिए कदम उठाया है। स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि इस संबंध में हाल ही में हुई बैठक के बाद इसी तरह का एक प्रस्ताव भी तैयार किया गया है और इस प्रस्ताव को मंजूरी के लिए राज्य सरकार के पास भेजा गया है।
इस योजना के तहत इनको मिलेगा लाभ
अविकसित गर्भाशय वाली महिलाएं, कमजोर गर्भाशय, बार-बार गर्भपात, तीन बार से अधिक आईवीएफ उपचार विफलता, गर्भाशय तपेदिक ऐसी सभी
क्या है महात्मा ज्योतिबा फुले योजना
योजना: महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना (एमजेपीजेएवाई) पूरे महाराष्ट्र राज्य में चरणबद्ध तरीके से 3 साल की अवधि के लिए लागू की जाएगी। 8 जिलों में पात्र लाभार्थी परिवारों के लिए एमजेपीजेएवाई के तहत बीमा पॉलिसी/कवरेज: गढ़चिरौली, अमरावती, नांदेड़, शोलापुर, धुले, रायगढ़, मुंबई और उपनगर
उद्देश्य: गरीबी रेखा से नीचे (बीपीएल) और गरीबी रेखा से ऊपर (एपीएल) परिवारों (नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा परिभाषित सफेद कार्ड धारकों को छोड़कर) की पहचान की गई विशेष सेवाओं के लिए गुणवत्ता चिकित्सा देखभाल तक पहुंच में सुधार करना, जिसके लिए सर्जरी और उपचार या परामर्श के लिए अस्पताल में भर्ती की आवश्यकता होती है। स्वास्थ्य देखभाल प्रदाताओं का नेटवर्क
लाभ: योजना निम्नलिखित 30 पहचानी गई विशेष श्रेणियों में 121 अनुवर्ती पैकेजों के साथ 972 सर्जरी/थेरेपी/प्रक्रियाएं प्रदान करेगी:
महात्मा ज्योतिबा फुले योजना की सीमा बढ़ाकर कर दिए पांच लाख रुपए
इस योजना के तहत अस्पताल में इलाज करा रहे मरीजों को स्वास्थ्य कवर के रूप में प्रति परिवार प्रति वर्ष 1.5 लाख रुपये प्रदान किए गए। वह स्वास्थ्य सुरक्षा अब बहुत बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार की और से यह बढ़ोतरी किये जाने से अब प्रदेश के लाखों लोगों को राहत मिलेगी। केन्द्र सरकार की आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना 23 सितम्बर 2018 से प्रदेश में लागू हो गयी है। इस योजना के तहत प्रति परिवार प्रति वर्ष 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य कवर प्रदान किया जा रहा है। इसी तर्ज पर राज्य सरकार ने महात्मा ज्योतिराव फुले जन आरोग्य योजना में भी बढ़ोतरी की है। इसके मुताबिक, अब हर परिवार को प्रति वर्ष 5 लाख रुपये की स्वास्थ्य सुरक्षा मिलेगी। महात्मा ज्योतिबा फुले योजना की सीमा बढ़ाकर पांच लाख कर दिए जाने से इसमें सरोगेसी उपचार पद्धति भी शामिल होने की उम्मीद है। अगर इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल जाती है तो इससे उन दंपत्तियों को राहत मिलेगी जो राज्य में कई बांझपन के कारण संतान प्राप्ति से वंचित हैं।